आज बाबू जी को खीर खाने का मन था, लेकिन दूध का इंतजाम हो न पाया। माँ की भी साड़ी थी, आज बाबू जी को खीर खाने का मन था, लेकिन दूध का इंतजाम हो न पाया। माँ ...
गर्मी की तपन न ठंड की कंपन, मन प्रफुल्लित जो करे बाग देख हरी-भरे गर्मी की तपन न ठंड की कंपन, मन प्रफुल्लित जो करे बाग देख हरी-भरे
प्रकृति से यह मेरा कैसा नाता है, जिसे मेरा अंतर्मन कभी समझ नहीं पाता है। प्रकृति से यह मेरा कैसा नाता है, जिसे मेरा अंतर्मन कभी समझ नहीं पाता है।
सद्भभावनाओं का बोझ लादे, सड़क के पार दिखी एक जीर्ण काया तपती दोपहरी में निराशा के अंध सद्भभावनाओं का बोझ लादे, सड़क के पार दिखी एक जीर्ण काया तपती दोपहरी में नि...
खुशियों का सौदा कर बैठे। खुशियों का सौदा कर बैठे।
रास्ते पर दिखे तो हाई बोल देना रास्ते पर दिखे तो हाई बोल देना